गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव का महामंत्र – सोने के पूर्व और सुबह उठते नो मोबाइल,सूर्योदय के पूर्व करे दिन की शुरुआत… ब्रह्माकुमारी पूनम*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन अलविदा तनाव शिविर गुड बाय टेंशन – प्रथम दिवस)*
भिलाई,3 जून 2025, छ.ग.:- जो कुछ हम बार बार सोचते हैं वैसा हमारा जीवन बनता जाता है | हमारे हर संकल्प का प्रभाव जीवन पर पड़ता है | हमारे साथ होने वाली हर घटना के लिए हमारे हर संकल्प जिम्मेदार हैं |
यह बातें इंदौर से पधारी तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी (सी.एस.) ने सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में नि:शुल्क आयोजित नौ दिवसीय ‘’अलविदा तनाव_गुडबाय टेंशन’’ शिविर के प्रथम दिवस में कही |
आपने चेतन मन (कांशियस माईंड) व अवचेतन मन (सबकांशियस माईंड) के बारे में बताया कि अवचेतन मन हमारा आज्ञाकारी सेवक होता है | उसको जो संकल्प बार-बार देंगे वो पूरा कर देता है |
जब हम सुबह सूर्योदय से पूर्व ब्रह्ममुर्त में सोकर उठते हैं तो शुरू के 20 मिनट हमारा अवचेतन मन पूर्ण जागृत अवस्था में रहता है | उस समय जो विचार उसमें डाल देंगे तो वह तथास्तु कर हमारे प्रैक्टिकल जीवन में स्वरूप बन जाता है |
इसलिए सूर्योदय से पूर्व उठकर पढ़ना मौन साधना करना अत्यंत लाभकारी है सभी के लिए।
सर्व प्रथम उपस्थित पायल जैन अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स दुर्ग, हंसा शुक्ला प्रिंसिपल, शंकराचार्य कॉलेज, लक्ष्मीबाई जी,प्रदेश अध्यक्ष, महिला मोर्चा भाजपा, पूर्व जनपद अध्यक्ष, उज्जवल भसीन,प्रदेश महामंत्री, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स,बंसी अग्रवाल, प्रमुख उद्योगपति एवं अध्यक्ष, अग्रवाल समाज, अनुप गुप्ता, प्रमुख उद्योगपति, अध्यक्ष जिला पतंजलि,डॉ. अंशुमान गोयल, प्रबंधक, स्पर्श हॉस्पिटल,श्रीमती गिरी जी, ई डी डायरेक्टर (माइंस),श्रीमान शंकर कुमार, ई डी (वर्क्स), भिलाई इस्पात संयंत्र अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन किया।
पूनम दीदी ने मेरा जीवन विघ्नों, तनाव व समस्याओं से मुक्त है,
मैं बहुत सुखी हूं ,मैं सर्वशक्तिमान परमात्मा की संतान हूं, सभी समस्याओं, तनाव, दु:खों, बीमारियों से भी अधिक शक्तिशाली मैं हूं, मै भाग्यविधाता परमात्मा का बच्चा बहुत भाग्यवान हूं,मेरे साथ सब कुछ अच्छा चल रहा है व सब कुछ अच्छा ही होगा जैसे विचारों का अभ्यास कराते हुए घर में रात्रि सोने के पूर्व और प्रातः काल करने के लिए होमवर्क के रूप में नोट भी करवाये।
उन्होंने पूरे विश्वास से यह संकल्प करने का आह्वान किया व बताया कि यह सिर्फ भावना नहीं है मन की साइंस है |
यदि ऐसा 21 दिन करेंगे तो तथास्तु का वरदान मिल जायेगा | उन्होंने बताया कि रात को सोने से पूर्व भी अवचेतन मन जगा रहता है इसलिए रात्रि को भी ये विचार करते हुए सो जायें |
सोने से दो घंटे पूर्व ही मोबाइल, कंप्यूटर इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर हो जायें व सुबह उठने के दो तीन घंटे बाद ही इनका प्रयोग करें तो गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव का महामंत्र आपके जीवन का वरदान बन जाएगा।
कल का सत्र खुशियों का उत्सव ,खुशी का रिमोट विषय पर रहेगा।
ज्ञात हो कि ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी संपूर्ण मौन में ईश्वरीय महावाक्यों का गहन अध्यन करके अलविदा तनाव शिविर के दौरान ही सभा को संबोधित करती है,जिससे उनकी शक्तिशाली वाणी के ओज से सभी को सहज ही तनावमुक्त स्थिति की अनुभूति होकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
यह नौ दिवसीय गुड़ बाय टेंशन अलविदा तनाव शिवर बुधवार 11 जून शाम 7 बजे से सर्व के लिए निशुल्क है।
*खुश रहने का नंबर वन नुस्खा, निरंतर चलते रहना और श्रेष्ठ कर्म करना..*
*दुनियां की सबसे बड़ी दौलत है खुशी,जब तक जीना है खुश रहना है,खुशी बांटना है… ब्रह्माकुमारी पूनम*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर – दूसरा दिन)*
भिलाई, 4 जून 2025, छ.ग:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 पीस ऑडिटोरियम में आयोजित गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर के दूसरे दिन इंदौर से पधारी तनाव मुक्ति विशेषज्ञ ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने खुशियों का उत्सव विषय पर बताया कि खुशी जैसी खुराक नहीं,हम हर किसी से अपेक्षा रखकर दुख लेकर दुखी हो जाते है। मेरा खुशी का रिमोट कंट्रोल मेरे पास रखना है,दूसरे के हाथ में नहींl
आपने बताया कि खुश रहने का नंबर वन नुस्खा निरंतर चलते रहना और श्रेष्ठ कर्म करना
*खुशी गायब होने के कारण बताए..*
पुरानी बातों को पकड़ कर रखने से खुशी गायब हो जाती है | खुश रहने के लिए मूल बात यह याद रहे कि सुख-दु:ख, मान-अपमान, स्वस्थ व व्याधिग्रस्त शरीर – इसी में खुश रहने का रास्ता निकालना है |
*तनाव मुक्त खुश रहने के बताए टिप्स..*
तनाव से बचने के लिए यह संकल्प दृढ़ करें – “पुरानी बाते छोड़ो, कोई बात नहीं, आगे बढ़ो |” खुद को समझाईये | जीवन का लक्ष्य प्रेम, खुशी, आनंद में है | बाते पकड़कर रखेंगे तो ईश्वर जो अवसर दे रहा है उसका आनंद नहीं ले पायेंगे |
*दुनियां की सबसे बड़ी दौलत है खुशी*
खुशी दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है | यह ऐसी दौलत है जिसे आप पैसों से या किसी दुकान,मेडिकल से खरीद नहीं सकते, न ही किसी से उधार ले सकते है ।खुशी को डॉक्टर दवाई भी कहते हैं क्योंकि मन की खुशी दवा का काम करती है | खुशी जैसी खुराक नहीं।
*बताया तनाव में होने वाली बीमारियां , खुश रहे स्वस्थ रहे*
मन खुश रहने से शरीर में इनडार्फिन हार्मोन निकलता है जिससे नींद अच्छी आती है, मन शांत रहता है, उमंग-उत्साह बना रहता है| पास्ट की बातों, घटनाओं, सीन को मन बुद्धि में पकड़कर रखने से अल्सर, एसीडिटी, ब्लडप्रेशर, इत्यादि बीमारियां आयेंगी, तनाव बढेगा, इसीलिए सदा खुश रहे स्वस्थ रहे।
*मनाया खुशियों का उत्सव,जब तक जीना है खुश रहना है..*
शिविर के अंतिम चरण में ‘खुशियों के उत्सव’ के रूप में मनाते हुए सदा खुश रहने के लिए आज का खुशी का इंजेक्शन (मंत्र) दिया कि “मैं खुशियों के सागर परमात्मा की संतान हूं | खुशियों के खजाने का मालिक हूं | जब तक जीना है खुश रहना ही है |’’ न दुख देना है किसी को,न किसी से दुख लेना है,हर परिस्थिति में खुश रहना है।
*कराया दृढ़ संकल्प,खुश रहकर बांटेंगे खुशी*
दुनियां में सब चीज बांटने से कम होती है लेकिन प्रेम खुशी बांटने से बढ़ती है इसलिए हम “सदा खुश रहेंगे और खुशी बाँटेंगे |’’ क्योंकि खुशी बाँटने से बढ़ती है |
*आत्म अनुभूति से मृत्यु का भय समाप्त हो तनावमुक्त जीवन की अनुभूति होती है…*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन अलविदा तनाव गुड बाय टेंशन शिविर – तीसरा दिन)*
भिलाई, छ.ग.5 जून 2025:- चांद,सूर्य पर, सागर की गहराई में जाकर रीसर्च कर रहे है लेकिन खुद को जानकर स्वयं को जानने ,आत्म दर्शन की रिसर्च आज की आवश्यकता है,हम इस शरीर को चलाने वाली चैतन्य शक्ति प्रकाश पुंज उर्जा हैं, भौतिक परिचय शरीर के साथ खत्म हो जाता है |
आत्मा के शरीर से निकल जाने को मृत्यु कहा जाता है लेकिन स्वयं को आत्मा महसूस करने से मृत्यु का भय समाप्त हो हमारा जीवन निश्चिंत तनावमुक्त निर्भय बन जाता है।
यह बातें इंदौर से पधारी तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में आयोजित निशुल्क नौ दिवसीय ‘’अलविदा तनाव गुड बाय टेंशन ’’ शिविर के तीसरे दिन के सत्र ‘आत्म ज्ञान उत्सव’ के अंतर्गत कही |
*आत्मा का रूप अति सूक्ष्म…*
आगे आपने बताया ब्रेन में पिटयुटरी ग्रंथि व हाइपोथैलेमस ग्रंथि के बीच में आत्मा निवास करती है |
आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है| आत्मा का रूप अति सूक्ष्म ज्योति स्वरूप है लेकिन उसका तेज हीरे से भी ज्यादा है |
*मेडिकल साइंस में मन नाम का कोई अंग नहीं…*
विचार संकल्प करने की शक्ति आत्मा में निहित मन के पास होती है। मेडिकल साइंस द्वारा इन्हें शरीर में ढूंढा नहीं जा सकता लेकिन आत्म ज्ञान आध्यात्मिक मार्ग द्वारा महसूस कर कर तनाव मुक्त जीवन जी सकते है।
*मेडिटेशन द्वारा कराई आत्मानुभूति*
आपने मेडिटेशन द्वारा अभ्यास करा कर होमवर्क के रूप में स्प्रीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) दिया कि – विपरीत परिस्थितियों में “मैं एक शक्ति स्वरूप आत्मा हूँ, प्रकाश,शक्ति पुंज हूँ | मेरे लिए कोई भी बात असंभव नहीं है |
*स्वयं को आत्मा के अभ्यास से व्यर्थ संकल्प होंगे बंद…*
यदि हर घंटे में 1 मिनट मस्तक सिंहासन पर स्वयं को चमकती हुई ज्योतिबिंदु आत्मा देखेंगे तो मन के व्यर्थ संकल्प बंद हो जायेंगे, ऐसा लगेगा कि मानसिक तनाव को जैसे किसी ने खींच लिया हो | आत्मा महसूस करने से हीलिंग पॉवर आती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है जिससे कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों से मुक्त हो जाते हैं |
*बढ़ती है मन की एकाग्रता होते है सफल*
इस अभ्यास से मन की एकाग्रता शक्ति बढ़ जाती है हमारे सभी दैनिक कार्य में श्रेष्ठ भाव का समावेश हो सफल तनाव मुक्त रहते है |
कल इस शिविर में आनंद उत्सव मनाया जायेगा।
*सर्वशक्तिवान हजार भुजाओं वाला भगवान मेरा साथी है…ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी*
*ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव – चौथा दिन*
भिलाई,6 जून 2025,छ.ग:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में चल रहे नौ दिवसीय निशुल्क ‘’गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर” के चौथे दिन “आनन्द उत्सव” सत्र में इंदौर से आई तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने परम शक्ति परमात्मा का वर्णन करते हुए कहा कि हरेक को जीवन में विपत्ति के समय सच्चा सहारा, सर्व संबंधो का प्यार, सुरक्षा का अनुभव चाहिए | यह सब हम आत्माओं को परमात्मा से जुड़ने पर ही मिलता है |
*बताया परमात्मा और मनुष्यात्माओं में अंतर*
जब परमात्मा के बारे में बहुत सी मतें हो जाती हैं तो वे स्वयं आकर अपना सत्य परिचय देते हैं | परमात्मा व अन्य मनुष्य आत्माओं की विभिन्न बिन्दुओं द्वारा तुलना कर स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि परमात्मा अजन्मा है ,जन्म मरण से न्यारा है हम मनुष्यात्माए जन्म-मरण के चक्र में आती है |
*परमात्मा भोलेनाथ के रूप में सर्व मनोकामनाएं पूर्ण करते है*
परमात्मा अवतरित होते हैं | उनका पांच तत्वों का शरीर नहीं हैं | वे सर्वशक्तिमान हैं | जगत नियंता परमात्मा सृष्टि का पालनहार है। वे परमशिक्षक, परम सद्गुरु हैं | वे ज्ञान के सागर हैं, परमात्मा को ही शांति दाता, शक्ति दाता कहा जाता है वे भोलेनाथ के रूप में सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करते है।
*सदाशिव ज्योति स्वरूप सदा सर्व k कल्याणकारी*
भारत में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर ज्योतिस्वरूप परमात्मा की ही यादगार हैं | जैसे आत्मा ज्योति प्रकाश स्वरूप पॉइंट ऑफ लाइट है ऐसे ही आत्मा के पिता परमात्मा भी प्रकाश स्वरूप है|
शिव माना सदा कल्याणकारी, सत्यम शिवम् सुन्दरम ।
*परमात्मा की शक्तियों का राजयोग मेडिटेशन द्वारा अनुभव*
वे हम सभी मनुष्य आत्माओं के पिता हैं, हम उनके बच्चे हैं तो उनकी सारी संपत्ति के हम वारिस यानि मालिक हो गये | जिन्हें प्राप्त करने हमे राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से उनसे सम्बन्ध जोड़ना होगा |
*सर्व शक्तिवान परमात्मा हजार भुजाओं के साथ मेरा साथी*
ब्रह्माकुमारी पूनम बहनजी ने अभ्यास कराते हुए आज का स्प्रीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) “सर्वशक्तिवान हजार भुजाओं वाला भगवान मेरा साथी है, स्वयं भगवान मेरे मददगार हैं” और इसे विश्वास पूर्वक अनुभव करते हुए बार बार लिखकर अभ्यास करने के लिए होमवर्क दिया |
*जो आप सोचोगे वो होगा ही इसलिए अच्छा सोचे*
मेरे साथ सब कुछ अच्छा हो रहा है व अच्छा ही होगा तो जैसा आप सोचेंगे वैसा ही होने लगेगा | इसलिए श्रेष्ठ पॉजिटिव सोचे।
*पुष्प वर्षा और उमंग उत्साह के साथ सभी ने मनाया आनंद उत्सव*
सत्र के अंत में सभी बातों को रिवाइज करते पुष्प वर्षा के बीच सच्ची आत्मिक खुशी आनंद उत्सव मनाया गया| जिससे सभी को परमात्म आनंद का सुन्दर अनुभव प्राप्त हुआ |
*भारत की प्राचीन संस्कृति,सभी हो सुखी,सबका भला हो….*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर का पांचवा दिन)*
भिलाई7जून2025छ.ग:-जो खुद को प्यार करते हैं उनके जीवन में डिप्रेशन शुन्य हो जाता है | रोज चिंतन करें – इस सृष्टि रंगमंच पर मेरे जैसा दूसरा कलाकार है ही नहीं | अपने मिले हुए पार्ट को संतुष्ट होकर बजायें | अपने अंदर की विशेषताओं का रोज चिंतन करें | अपने अन्तर्मन और घर में लिख लीजिये – “मै बेस्ट हूं | जो पार्ट परमात्मा ने मुझे दिया है वो बहुत अच्छा है |” यह बातें इंदौर से पधारी तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहनजी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में आयोजित नौ दिवसीय निशुल्क ‘’अलविदा तनाव शिविर” के पांचवे दिन के सत्र में तनावमुक्त निश्चिंत जीवन का रहस्य बताते हुए कही |
*भारत की प्राचीन संस्कृति,सबका भला हो सब सुख पाए*
रिश्तों में प्यार, सम्मान, दर्द जो भी हम देते हैं वही वापस आता है |
देना ही लेना है | सबको प्यार, शुभभावना, खुशी, दुआएं, सहयोग देना है, तभी हम सदा सुखी रह पाएंगे |यही भारत की प्राचीन संस्कृति है |
*परमात्मा को ट्रस्टी बनाकर हर कर्म अर्पण करे*
सुखी रहने के लिए अपनी सर्व जिम्मेवारी परेशानी परमात्मा को सौंप कर ट्रस्टी बनकर हर कार्य करे ,प्राप्त परिणाम परमात्मा को अर्पित कर दें | यदि दिल से अर्पित करेंगे तो परमात्मा की शक्तियां काम करने लगेंगी व समाधान सामने आ जायेगा |
*गीतों पर कराया तनावमुक्त मेडिटेशन का अभ्यास*
फिर उन्होंने किसी की मुस्कुराहटों पे हो सब सौंप दो प्यारे प्रभु को गीतों के माध्यम से मेडिटेशन करवाकर तनावमुक्त स्थिति का अभ्यास करवाया।
*हमें संसार में बेस्ट पार्ट निभाना है*
इस संसार को मुसाफिर खाना कहा जाता है | यहाँ हम सभी मुसाफिर हैं | जहां से आये हैं एक दिन वहां ही जाना है |इसे सृष्टि मंच भी कहा जाता है जहां हम सब कलाकार अभिनय करते हैं,मुझे अपना पार्ट बेस्ट निभाना है। स्प्रीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) दिया – “मैं इस सृष्टि रूपी रंग मंच पर एक महान कलाकार हूं |”
*लिखकर कराया अभ्यास बताए फायदे*
इसे उन्होंने लिखकर अभ्यास करने के लिए कहा तथा बताया कि यदि 21 दिन तक 108 बार अनुभव करते हुए कोई अच्छा विचार आधा मिनट अनुभव करके लिखते है तो तनाव के कारण ब्रेन में जो ब्लाकेज हो जाते हैं वे खुल जाते हैं क्योंकि लिखने से ब्रेन में मूड को अच्छा करने वाले हार्मोन पैदा होने लगते हैं | इससे मन की सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं | अनिद्रा की बीमारी ठीक हो जाती है, सीवियर डिप्रेशन से बाहर आ जाते हैं।
*मनाया परिवर्तन उत्सव*
सत्र के अंत में परिवर्तन उत्सव मनाया गया | कोरोना काल में सब कुछ ऑनलाइन हो गया था जिसे हम सब ने स्वीकार किया, परिवर्तन किया ।ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा परिवर्तन की अध्यात्मिक दिवाली दुआएं देने का दीप जलाकर परिवर्तन उत्सव मनाया गया | इस प्रेरणादायी वातावरण में सबने उमंग-उत्साह से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का दृढ़ संकल्प किया |
*मेडिटेशन द्वारा समस्याओं का समाधान विषय पर अभ्यास के साथ दिए टिप्स…*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर का छठवाँ दिन)*
भिलाई 8जून2025, छ.ग:- प्रायः हम सभी समझते हैं शारीरिक आसन या प्राणायाम योग है । जबकि मेडिटेशन का अर्थ है योग या जोड़ (कनेक्शन)| आत्मा के मन और बुद्धि के तार परमात्मा के साथ जोड़ना । मेडिटेशन माना विचार शून्य होना नहीं बल्कि नेगेटिव, वेस्ट विचारों को खत्म करना | यह बातें इंदौर से पधारी तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रम्हाकुमारी पूनम दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 पीस ऑडिटोरियम में आयोजित नौ दिवसीय “अलविदा तनाव शिविर” के छठवें दिन के सत्र “मेडिटेशन द्वारा समस्याओं का समाधान” विषय पर कही |
राजयोग द्वारा परमपिता परमात्मा से सारे रिश्तों का अनुभव हम मेडिटेशन में करते हैं | इसमें परमात्मा से मांगा नहीं जाता बल्कि संबंध जोड़ने से स्वत: सर्व प्राप्तियां होती हैं |
हर चीज का अपना गुण होता है जैसे पानी का गुण शीतल, सूर्य का गुण गर्मी वैसे ही आत्मा के सात मूल गुण हैं – सुख, शांति, प्रेम, आनंद, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति |
मेडिकल साईंस की रिसर्च के अनुसार पवित्रता में हीलिंग पावर है |
परमात्मा के बाद दूसरा डॉक्टर है हमारा अंतर्मन | तीसरे है दुनिया के सम्माननीय डॉक्टर |
घर में एक स्थान फिक्स कर लें | वहां बैठ कर रोज अभ्यास करें कि परमात्मा की शांति के प्रकम्पन पर मुझमें आ रहे हैं, फिर घर की एक-एक कमरे व व्यक्ति को जा रहे हैं | इससे दु:ख, तनाव, विघ्न, बीमारियां खत्म होने लगेंगी।
कोई 1 मिनट में क्रोध या अशांति के प्रकंम्पन फैला देते हैं तो हमें 1 मिनट में शांति के प्रकम्पन फैलाने का अभ्यास करना है।
आज का अभ्यास के लिए उन्होंने स्प्रीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) दिया – “मैं सर्वशक्तिवान परमात्मा की छत्रछाया के नीचे हूँ |” इसका स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे वो छतरी बारिश-धूप से बचाती है वैसे ही शिव बाबा की शक्तियों की छतरी के नीचे दु:ख, बीमारी, भय, तनाव का अनुभव नहीं होगा | अब परमात्मा की छत्रछाया की नीचे जीने की आदत डालिये।
अंत में “ध्यान उत्सव” मनाया गया जिसके लिए मंच को बहुत सुंदर छतरियों से सजाया गया था।
इस मेडिटेशन अभ्यास के बाद हरेक को परमात्म साथ व सुरक्षा का अनुभव हुआ ।
*नेचरोपैथी, एलोपैथिक, होम्योपैथी के अलावा हमें सिम्पैथी (शुभ भावना गुड विशेस टू एवरीवन) को जीवन में अपनाना है… ब्रह्माकुमारी पूनम*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर का सातवां दिन)*
भिलाई,9जून25, छ.ग:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में आयोजित नौ दिवसीय “गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर” के सातवें दिन तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने कहा कि बातें, समस्याएं आएंगी और जायेंगे ये फंडामेंटल है लाइफ के।जैसी मेरी भावनाएं दूसरों के प्रति है, वैसी उनकी भावना मेरे प्रति होगी।
मानसिक चिंताओं और समस्याओं से छुटने के लिए जस्ट ए मिनट फॉर सेल्फ मेडिटेशन की प्रैक्टिस आवश्यक है।
ओवर डोज ऑफ इन्फोर्मेशन हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को प्रभावित कर रहा है। इसलिए हम तन और मन से डबल बीमार हो रहे है।आज डिजिटल कर्फ्यू और डिजिटल फास्टिंग जरूरी है।
इसकी दवा बताते हुए अपने कहा कि नेचरोपैथी, एलोपैथिक, होम्योपैथी के अलावा हमें सिम्पैथी (शुभ भावना गुड विशेस टू एवरीवन) को जीवन में अपनाना है। पॉजिटिव सोचने से हमारे शरीर में पॉजिटिव हार्मोन का निर्माण होता है।
हमें अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगना, और दूसरों को क्षमा दान करना होगा। क्षमा मांगने के लिए अंहकार(ईगो) को डाउन करना पड़े।
रिश्तों को सुधारने के लिए रहम के साथ धैर्य रखना है। शुभभवना रखने में थकना नहीं है।
ब्रह्माकुमारी पूनम ने आज का स्प्रीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) अभ्यास के लिए दिया- “मैं भाग्यवान हूं, मुझ जैसा भाग्यवान इस सृष्टि पर कोई और नहीं |इसका उन्होंने कॉमेंट्री के माध्यम से अनुभव भी कराया |
आपने सभी से बचपन से अभी तक की जीवन की घटनाओं, कमजोरियों, गलतियों, जिम्मेवारी, बोझ को पत्र में लिखकर मेडिटेशन के माध्यम से तनाव, चिंता, बोझ परमात्मा को समर्पण कराया तथा खुशी, आनंद, प्रेम, शांति की अनुभूति करवाई |
शिविर के अंतिम सत्र में अलौकिक जन्मोत्सव मनाकर सभी ने उमंग उत्साह से राधेकृष्ण के साथ खुशियों,संस्कार मिलन,सदा के लिए तनावमुक्त गुड बाय टेंशन की महारास की।
**वर्तमान समय विश्व पटल पर भारत पुनः सोने की चिड़िया स्वर्णिम भारत के रूप में प्रत्यक्षता का समय…*
*समय पर हर कार्य करने का महत्व…पूनम दीदी*
*(ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिवर- आठवां दिन)*
भिलाई,10 जून 25, छ.ग:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में आयोजित नौ दिवसीय “गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर” के आठवें दिन तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने कहा कि समय पर हर कार्य करने का विशेष महत्व होता है।
समय पर कार्य न करने से चिंता तनाव होता है।
सतयुग में सृष्टि पर भारत में देवी देवताओं का राज्य था, जहां शांति, खुशी, निश्चिंतता ,सुखचैन अथाह धन सम्पदा वैभव था |
वहां आपसी संबंधों में निस्वार्थ प्यार था | उसी सतयुग स्वर्णिम भारत का गायन है – जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा, वह भारत देश है मेरा…..|
त्रेतायुग के अंत की जनसंख्या 33 करोड़ थी | आदि सनातन देवी देवता धर्म दैवीय संस्कृति जिसका शास्त्रों में 33 करोड़ देवी देवताओं का गायन है।
फिर सृष्टि में काल चक्र द्वारा कलयुग का आगमन हुआ जिसमें आत्मा रूपी बैटरी की डिग्री 0 हो गई |
न तन का सुख, न मन का सुख, न संबंधों का सुख | अनिद्रा, तनाव, डिप्रेशन, फास्ट फूड फास्ट ड्राइव फास्ट डेथ आदि बढ़ गए |
समय परिवर्तनशील है | युग परिवर्तन का समय आ गया है | विश्व पटल पर भारत पुनः सोने की चिड़िया स्वर्णिम भारत के रूप में प्रत्यक्ष होगा।
शिविर के अंतिम चरण में “महाविजय उत्सव” मनाया गया जिसमें शंख, घंटी लेकर जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा….. गीत के साथ ब्रह्माकुमारी बहनें हाथ में शिव ध्वज लेकर तथा भारत माता द्वारा लहराते तिरंगे के साथ पीस ऑडिटोरियम के मंच पर प्रवेश होने पर मानो स्वर्णिम भारत सतयुग का आगमन खुशी उमंग उत्साह की किरणे संपूर्ण अंतर्दीशा भवन में प्रवाहित हो गई।
विशेष हवनकुण्ड में पंडित जी द्वारा तनाव, भय, क्रोध,घृणा,डिप्रेशन, ईर्ष्या, हृदयरोग, सिरदर्द, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, व्यसन-गुटका, बीड़ी-सिगरेट, शराब-तंबाकू, सभी कमी- कमजोरियों, सभी दु:ख-अशांति स्वाहा करवाया गया |
आज सभी ने अपनी-अपनी कमजोरी परमात्मा को सामने रखते हुए कागज पर लिखकर उसी हवनकुण्ड अग्नि में स्वाहा किया यानि उन्हें समर्पित किया |
*तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम गीत पर तनाव ने तनावग्रस्त होकर भिलाईवासियों से कहा अलविदा भिलाई…*
*ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर विभिन्न उत्सवों के साथ सफलतापूर्व सम्पन्न*
भिलाई,11जून25छ.ग:- स्वयं को अध्यात्म के रिसर्च की प्रयोगशाला बनाइये | मेडिटेशन एक कला है मन को एकाग्र कर परमात्मा में लगाकर तनावमुक्त बनाने की|
हमारे हर विचार में एनर्जी होती है जिसका हमारे पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है |
यह बातें इंदौर से पधारी तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में आयोजित नौ दिवसीय “गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर” के अंतिम दिन के सत्र में कही।
अलविदा तनाव शिविर की मुख्य प्रेरणास्रोत व भिलाई सेवाकेंद्रो की निदेशिका आशा दीदी जी ने आशीर्वचन में कहा कि जीवन में तनावमुक्त और खुश रहने के लिए परमात्म ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति की बहुत-बहुत आवश्यकता है |बाहर से चेक करने के लिए दर्पण है,अंदर की चेकिंग के लिए आध्यात्मिक दर्पण आवश्यक है।
शिविर के अंत में बहुत धूमधाम से “गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव” उत्सव मनाया गया जिसके अंतर्गत भिलाई वासियों के जीवन में विभिन्न कारणों से टेंशन-तनाव का स्वरूप बना व्यक्ति जो बड़े उदास मन से इस्पात एवं शिक्षा नगरी मिनी इंडिया भिलाई से चल उड़ जा रे पंछी…. हम तो चले परदेश ……, तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम…. जैसे गीतों से सभी कि जिंदगी से सदा के लिए विदाई ले रहा था |
टेंशन तनाव को सभी के जीवन से जाने का तनाव हो रहा था,और सभा में उपस्थित लोगों के चेहरों में से खुशी आनंद उमंग उत्साह की किरणे प्रस्फुटित हो रही थी।
उत्सव के अंत में 2 मिनट परमात्म याद में रिंचक मात्र बचा हुआ तनाव भी अलविदा तनाव गुब्बारों के रूप में आकाश में उड़ाया गया |
